गठिया वात क्या होता है?
गठिया रोग एक ऐसी अवस्था है जिससे दुनियाभर में करोड़ों लोग परेशान हैं। अंग्रेजी में इसे आर्थराइटिस (Arthritis) के नाम से जाना जाता है। गठिया एक, उससे अधिक या संयुक्त जोड़ों की सूजन को दर्शाता है।
यह रोग घुटनों में दर्द और अकड़न पैदा कर देता है और आमतौर पर बुजुर्ग वर्ग में पाया जाता है, लेकिन आज के दौर में बदलती जीवनशैली की वजह से यह रोग युवाओं में भी देखा जा रहा
है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं के अंदर यह शिकायत ज़्यादा देखने को मिलती है, खासतौर से वे जिनका वज़न ज़्यादा हो। इसकी शुरूआत शरीर के किसी भी जोड़ से हो सकती है और समय के साथ-साथ यह शरीर के बाकी जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है।
गठिया वात के लक्षण
1.)गले या स्पाइन में जकड़न होना।
2.) किसी भी जोड़ में सूजन होना।
3.) शरीर का लाल होना।
4.) शरीर में झनझनाहट होना।
5.) सुन्न हो जाना।
6.) शरीर में कमज़ोरी महसूस करना।
7.) रोज़ाना के कार्य करने में दिक़्क़त होना।
गठिया रोग के कारण
गठिया रोग का कोई एक मुख्य कारण नहीं है। बल्कि कई गतिविधियों से इसके उत्पन्न होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जैसे कि-
1. हमारे शरीर में जोड़ों में एक नर्म और लचीला टिशु प्रस्तुत है जिसे कार्टिलेज कहा जाता है। जब हम चलते हैं तो जोड़ों पर दबाव पड़ता है। ऐसे में कार्टिलेज प्रेशर और शाॅक को अवशोषित कर हमारे जोड़ों की सुरक्षा करता है। जब व्यक्ति को गठिया रोग जैसी बीमारी होती है, तो ऐसे समय में कार्टिलेज की मात्रा में कमी हो जाती है जिस वजह से एक हड्डी दूसरी हड्डी से रगड़ती है और कुछ परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं।
2. यदि आपके परिवार में किसी व्यक्ति में गठिया रोग की शिकायत पाई जा रही है, तो मुमकिन है कि यह बीमारी अन्य व्यक्तियों में भी पाई जाए।
3. मोटापा भी गठिया रोग होने की संभावनाएं बढ़ा सकता है। ऐसा इसलिए कि मोटापे की वजह से शरीर के जोड़ ज़्यादा वज़न नही सह पाते और जोड़ों में दर्द या सूजन की समस्याएं हो जाती हैं।
गठिया रोग का परीक्षण
याद रखें, जोड़ों में दर्द की समस्या कई परेशानियो को बढ़ावा दे सकती हैं। इसलिए कोशिश करें कि हालात बिगड़ने से पहले आप सही इलाज प्राप्त करलें। अगर आप डाक्टर से परामर्श लेते हैं तो वो शारीरिक परीक्षा से जांच करके स्थिति देख सकते हैं। ज़रूरत पड़ने पर कुछ टेस्ट भी हो सकते हैं। जैसे कि-
1. लैब टेस्टखून की जांच या जाॅइंट फ्लूइड
2. इमेजिंग टेस्टएक्सरे, सीटी स्कैन, एम.आर.आई
गठिया रोग का ईलाज
कुछ लोगों को यह बात मालूम ना हो कि गठिया रोग का ऐसा कोई भी इलाज नहीं मिल पाया है जिसकी मदद से इस पर पूर्ण रूप से विराम लग जाए। गठिया रोग जैसी परिस्थितियों में समय पर उपचार बेहद ज़रूरी है। इस कदम से हालात को बदतर होने से पहले रोका जा सकता है। साथ ही जोड़ों पर होने वली हानि को भी कम किया जा सकता है।
1. दवाई एवं शारीरिक उपचार
अब बात की जाए गठिया रोग के इलाज की, तो शुरूआती दौर में डाॅक्टर आपको विभिन्न तरह की दवाईयां लेने की सलाह दे सकते हैं। यह दवाईयां गठिया के प्रकार पर निर्भर करती हैं। उदाहरण के तौर पर दर्द कम करने वाली दवाईयां, नाॅन स्टीराॅयडल एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाईयां, काउन्टर इरिटेन्टस्, आदि। इसके अलावा शारीरिक चिकित्सा का इस्तेमाल गठिया रोग के इलाज के लिए किया जा सकता है। डाॅक्टर मरीज को व्यायाम करने की सलाह दे सकते हैं।
2. सर्जरी
अगर ऊपर बताए गए उपचार से मरीज़ को फायदा नहीं पहुंचता, तो डाॅक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। गठिया रोग के लक्षण कभी बद से बदतर भी हो जाते हैं और दर्द असहनीय हो जाता है। ऐसे समय में डाॅक्टर्स को एडवांस उपचार की सहायता लेनी पड़ती है। ऐसे समय में सबसे लोकप्रिय सर्जरी है घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी। इस सर्जरी में जो जोड़ खराब हो जाता है, उसे हटाकर उसकी जगह एक कृत्रिम जोड़ लगा दिया जाता है। यह कृत्रिम जोड़ वास्तविक जोड़ की तरह काम करता है। इस प्रकार के इलाज की बदौलत व्यक्ति को दर्द में भी आराम मिलता है साथ ही साथ चलने फिरने और उठने बैठने में भी आसानी हो जाती है। आमतौर पर यह सर्जरी घुटनों, कुल्हे एवं कंधे के जोड़ों के लिए काम में आती है। अधिक जानकरी के लिए आप मेवाड़ हाॅस्पिटल में उपस्थित हमारे होनहार आॅर्थोपेडिक डाॅक्टर्स से बात कर सकते हैं।
इसके अलावा जाॅइंट फ्यूजन सर्जरी भी ऐसी परिस्थितियों में उपयोगी साबित हो सकती है। इस सर्जरी में दो हड्डियों को आपस में जोड़ दिया जाता है जिससे वो एक मजबूत हड्डी में परिवर्तित हो जाती है। यह हड्डी ज़्यादा स्थिर रहती है और दर्द को कम करने में उपयोगी साबित होती है।कुछ अन्य विकल्प भी हैं जो गठिया रोग के इलाज में मदद कर सकते हैं। जैसे कि एक्यूपंचर, योग, मालिश आदि।
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